Wednesday, April 29, 2009

बेटियाँ

ओंस की एक बूँद सी होती हैं बेटियाँ
फूल की खुशबू सी होती हैं बेटियाँ
बेटा तो रोशन करेगा एक ही कुल को
दो-दो कुलों की लाज होती हैं बेटियाँ

काटों की राह पर तो ये चलती रहेगी
खुदा ओरों के लिए फूल ही बोती हैं बेटियाँ
विधि का विधान यही दुनिया की यही रस्म है
मुट्ठी में भरे हीर सी होती है बेटियाँ

बेटियाँ कोई नही हैं एक दुसरे से कम
हीरा अगर है बेटा तो मोती से कम नही हैं बेटियाँ ।

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